अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार सलाहकार रहे पीटर नवारो एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने भारत, रूस और BRICS देशों को लेकर कड़ी आलोचना की है। नवारो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर एक तीखी पोस्ट की, जिसमें उन्होंने कहा कि "भारत, रूस और चीन अमेरिका को पिशाच की तरह चूस रहे हैं।" साथ ही उन्होंने BRICS संगठन को भी निशाने पर लिया और कहा कि "यह संगठन ज्यादा दिन नहीं चलेगा क्योंकि इसके सदस्य देश एक-दूसरे के दुश्मन हैं।"
भारत-रूस तेल व्यापार पर आपत्ति
नवारो की मुख्य नाराजगी भारत और रूस के बीच हो रहे तेल व्यापार को लेकर है। उन्होंने दावा किया कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर मुनाफा कमा रहा है, जिससे रूस को यूक्रेन युद्ध में मदद मिल रही है। नवारो का आरोप है कि भारत इस व्यापार के जरिए रूस को फंडिंग कर रहा है और अमेरिका के प्रतिबंधों की अवहेलना कर रहा है।
उनका कहना है कि भारत सिर्फ अपने फायदे के लिए यह व्यापार कर रहा है, भले ही इसका वैश्विक शांति पर बुरा असर क्यों न हो। ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ और अमेरिकी नाराजगी के बावजूद, भारत ने अपनी नीति में कोई बदलाव नहीं किया।
सोशल मीडिया पर भारत को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी
पीटर नवारो ने X (ट्विटर) पर एक सर्वे को लेकर भी भारत सरकार पर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि भारत सोशल मीडिया सर्वे को अपने पक्ष में मोड़ रहा है। नवारो ने कहा,
"भारत की जनसंख्या दुनिया में सबसे बड़ी है। क्या यह संभव नहीं कि भारत सरकार X यूजर्स को प्रभावित कर सोशल मीडिया पर मनचाहा ट्रेंड बनवाए?"
उन्होंने आगे कहा कि भारत जैसे देश अमेरिकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल अपने राजनीतिक और कूटनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने में कर रहे हैं, जो चिंताजनक है।
BRICS पर तीखा हमला
नवारो ने BRICS संगठन (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) को "अस्थिर गठबंधन" बताते हुए कहा कि यह संगठन ज्यादा दिन चलने वाला नहीं है। उनके मुताबिक,
"BRICS के सदस्य देश आपस में ही एक-दूसरे के विरोधी हैं। यह संगठन अमेरिका के खिलाफ एक मोर्चा बनाकर हमारे संसाधनों का दोहन कर रहा है।"
यह बयान ऐसे समय आया है जब BRICS धीरे-धीरे ग्लोबल साउथ की आवाज बनने की कोशिश कर रहा है और इसमें नए सदस्य देशों की एंट्री भी हो चुकी है।
भारत पर टैरिफ और नौकरियों का भी आरोप
नवारो ने कहा कि भारत ने अमेरिका पर सबसे ज्यादा टैरिफ लगाए हैं, जिससे अमेरिका को व्यापार घाटा उठाना पड़ा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत से आए पेशेवर अमेरिकियों की नौकरियां छीन रहे हैं, खासकर टेक इंडस्ट्री में।
उनका यह बयान अमेरिकी राजनीतिक हलकों में "इमिग्रेशन विरोधी" और "प्रोटेक्शनिस्ट सोच" को दर्शाता है, जो ट्रंप प्रशासन की नीति का हिस्सा रही है।
भारत की प्रतिक्रिया?
हालांकि अभी तक भारत सरकार की ओर से पीटर नवारो के इन बयानों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की टिप्पणी भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव पैदा कर सकती है। खासकर ऐसे समय में जब दोनों देश रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
निष्कर्ष
पीटर नवारो का यह बयान बताता है कि ट्रंप प्रशासन में भारत को लेकर सोच कितनी विभाजित है। जहां एक तरफ दोनों देशों के बीच रक्षा, व्यापार और तकनीकी सहयोग बढ़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ कुछ प्रभावशाली लोग भारत को आर्थिक प्रतिद्वंदी और रणनीतिक चुनौती के रूप में देखते हैं।